
“जिसने उंगली पकड़ चलना सिखाया, उसी ने गोली चलाकर रूह कंपा दी…”
गुरुग्राम के चर्चित राधिका यादव मर्डर केस में बड़ा अपडेट आया है। अपने ही पिता के हाथों मारी गई इस पूर्व राज्य स्तरीय टेनिस खिलाड़ी की मौत ने हर किसी को झकझोर दिया है।
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पिता दीपक यादव 14 दिन की न्यायिक हिरासत में
शनिवार को गुरुग्राम पुलिस ने 49 वर्षीय दीपक यादव को कोर्ट में पेश किया। हालांकि पुलिस ने रिमांड की मांग नहीं की, मगर माननीय अदालत ने आरोपी को 14 दिन की ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया। अब दीपक यादव भोंडसी जेल में बंद है।
राधिका की ‘अकेली’ टेनिस ट्रेनिंग बनी विवाद की वजह
“बेटी ने कोर्ट बुक किए, बाप ने घर का कोर्ट बना दिया…”
पुलिस जांच में सामने आया है कि राधिका की कोई स्थायी टेनिस अकादमी नहीं थी। वह अलग-अलग जगहों पर कोर्ट बुक कर खिलाड़ियों को ट्रेनिंग देती थी। दीपक को यह बात नापसंद थी, वह चाहते थे कि राधिका ये सब बंद कर दे।
इसी बात पर पिता-पुत्री में झगड़े होते थे।
‘तानों’ से टूटा पिता, फिर उठा लिया हथियार
“नफरत जब अपने ही घर में पलती है,
तो घर चिता बन जाता है।”
पुलिस के मुताबिक, दीपक यादव आर्थिक रूप से संपन्न था, लेकिन फिर भी बेटी की कमाई पर ताने सुनने को लेकर वह अवसाद में था। जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी पिछले कई हफ्तों से बेचैन था और परिवार से बातचीत भी बंद कर दी थी।
घटना का पूरा सिलसिला: सुशांत लोक का खूनी सच
गुरुवार को सेक्टर 57, सुशांत लोक स्थित दोमंजिला मकान में दीपक यादव ने कथित तौर पर बेटी राधिका को नजदीक से गोली मार दी। रिमांड के दौरान पुलिस ने उनके घर से 5 गोलियां और एक ज़िंदा कारतूस भी बरामद किया।
रिश्तेदार और कोच के उलझते बयान
“कभी बॉन्डिंग की मिसाल थी ये जोड़ी,
आज अपराध की खबरों में आई।”
एक करीबी रिश्तेदार ने बताया कि दीपक ने राधिका के टेनिस करियर में हमेशा साथ दिया था। वहीं पूर्व कोच ने भी कहा कि पिता-पुत्री में गहरी बॉन्डिंग थी, जो अब सवालों के घेरे में है।
पुलिस के दावों से केस में आया नया मोड़
अब जब सामने आया है कि राधिका की कोई अकादमी नहीं थी और वो सिर्फ फ्रीलांस ट्रेनिंग देती थीं, तो इस मर्डर केस में अब एक नया मोड़ आ गया है। परिवारिक असहमति और भावनात्मक टूटन ने इस रिश्ते को खून में बदल दिया।
“जब दूर हो साथी, सावन में ऐसे बढ़ाएं प्यार की नमी!”
“कभी साया था जो सिर पर, वही क़ातिल निकला घर पर।
राधिका की कहानी बन गई खबर, रिश्तों की ये कैसी डगर!”